शनिवार, 13 मई 2023

85 वर्षीय छात्र डॉ अमलधारी सिंह

10 हजार साल पुराने विलुप्त प्राचीन श्लोकों की खोज के लिए BHU के 85 वर्षीय छात्र डॉ अमलधारी सिंह को डी.लिट उपाधि । उन्हें दीक्षांत समारोह में आधिकारिक तौर पर विश्विद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया. उन्होंने ऋग्वेद की सबसे पुरानी और गुमनाम शाखा शांखायन की खोज की है. उन्होंने बताया कि इस विलुप्त शाखा में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, व्यापार और समाज के बारे में बड़ी रहस्मयी जानकारियां दी गईं हैं.
बीएचयू में 85 वर्ष के अपने गुरु सरीखे छात्र डॉ. अमलधारी सिंह को अपने पूर्व शिष्य के अंडर में डी. लिट. की उपाधि से नवाजा गया है. इस उम्र में पहले डी. ल‍िट धारक बनकर डॉ. अमलधारी सिंह ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में रिकॉर्ड कायम करने के लिए आवेदन भी भेज दिया है. 
डॉ. अमल धारी सिंह आजाद भारत के पहले पीएम पंड‍ित जवाहर लाल नेहरू से भी चीन युद्ध के समय 13 जनवरी 1963 में बेस्ट ट्रेनर का अवार्ड भी ले चुके हैं.
अमलधारी सिंह की पहली पुस्तक योग सूत्र 1969 में प्रकाशित हुई. इसके बाद सांख्य दर्शन, कालीदास, अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत का प्रकाशन हुआ. डॉ. अमलधारी सिंह का जन्म जौनपुर के केराकत स्थित कोहारी गांव में 22 जुलाई, 1938 को हुआ था. आपने प्रयागराज से स्नातक किया थे. इसके बाद BHU से 1962 में संस्कृत में एमए और 1966 में पीएचडी की. यहीं से NCC के वारंट ऑफिसर और ट्रेनिंग अफसर से लेकर आर्मी  जॉइन की ।  आर्मी की सेवा से रिटायर होने के बाद स्कूल में अध्यापन कार्य किया । 
डॉ अमलधारी जी को शत शत नमन
15 december 2022

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